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विलियम हैज़लिट का निबंध "On Going a Journey" – सारांश और व्याख्या

 

विलियम हैज़लिट का निबंध "On Going a Journey" – सारांश और

व्याख्या

परिचय

"On Going a Journey" विलियम हैज़लिट का एक प्रसिद्ध निबंध है, जो पहली बार 1822 में प्रकाशित हुआ था। विलियम हैज़लिट अपने शानदार गद्य लेखन और मानव स्वभाव की गहरी समझ के लिए जाने जाते हैं। इस निबंध में उन्होंने अकेले यात्रा करने के आनंद और स्वतंत्रता को दर्शाया है। उनके अनुसार, अकेले यात्रा करने से व्यक्ति प्रकृति के करीब आता है, अपनी सोच में गहराई तक उतरता है और आत्म-मंथन का अवसर प्राप्त करता है।


निबंध का विस्तृत सारांश

विलियम हैज़लिट इस निबंध में बताते हैं कि यात्रा का असली आनंद तब मिलता है जब इसे अकेले किया जाए। वे अकेले यात्रा को आत्मा को मुक्त करने वाला अनुभव मानते हैं, क्योंकि यह व्यक्ति को प्रकृति के साथ गहरा जुड़ाव और अपनी सोच में खो जाने का अवसर देता है।

हैज़लिट कहते हैं कि अकेले यात्रा करने से व्यक्ति शहरी जीवन की भाग-दौड़ और शोरगुल से दूर हो जाता है। वे मानते हैं कि प्रकृति के बीच घूमना मन को शांति और ताजगी देता है। हरे-भरे खेतों, जंगलों और पहाड़ियों के बीच चलने से उन्हें आत्मिक शांति मिलती है, जो भीड़-भाड़ भरे शहरों में असंभव है।

वे यात्रा के दौरान साथी की उपस्थिति को बाधा मानते हैं। उनके अनुसार, किसी और के साथ यात्रा करने से स्वतंत्रता सीमित हो जाती है। साथी के साथ तालमेल बैठाने, उनकी पसंद-नापसंद और रफ्तार के अनुसार चलने से यात्रा की स्वाभाविकता खत्म हो जाती है। इसके विपरीत, अकेले यात्रा करने में व्यक्ति अपने मन के अनुसार घूम सकता है, रुक सकता है, और अपनी सोच में खो सकता है।

हैज़लिट के अनुसार, प्रकृति को चुपचाप अनुभव करना ही असली आनंद है। वे इसे ध्यान और आत्म-मंथन का अवसर मानते हैं। इस दौरान वे साहित्य, कला और दर्शन की गहरी बातें सोचते हैं और अपने विचारों में खो जाते हैं।


निबंध के प्रमुख विषय

  1. स्वतंत्रता और एकांत का महत्व

    • हैज़लिट मानते हैं कि यात्रा के दौरान स्वतंत्रता सबसे महत्वपूर्ण है, और यह तभी संभव है जब व्यक्ति अकेले हो।
  2. प्रकृति के सौंदर्य का आनंद

    • उनके लिए यात्रा का मुख्य आकर्षण प्रकृति का सौंदर्य है। वे कहते हैं कि यह मन को शांति और नई ऊर्जा देता है।
  3. आत्म-मंथन और चिंतन

    • अकेले यात्रा करने से व्यक्ति अपने भीतर झांक सकता है और गहराई से सोच सकता है।
  4. समाज और एकांत का अंतर

    • वे समाज के शोर-शराबे और सामाजिक दायित्वों की तुलना यात्रा के शांत एकांत से करते हैं। उनका मानना है कि एकांत में अधिक सुकून मिलता है।

ऑब्जेक्टिव प्रश्न और उत्तर

  1. "On Going a Journey" निबंध किसने लिखा है?

    • उत्तर: विलियम हैज़लिट
  2. निबंध का मुख्य विषय क्या है?

    • उत्तर: अकेले यात्रा करने का आनंद और आत्म-चिंतन का महत्व
  3. हैज़लिट के अनुसार यात्रा के दौरान साथी होने की क्या समस्या है?

    • उत्तर: साथी की उपस्थिति यात्रा की स्वतंत्रता को सीमित करती है।
  4. निबंध में हैज़लिट ने प्रकृति की क्या भूमिका बताई है?

    • उत्तर: प्रकृति मन को शांति और नई ऊर्जा देती है।
  5. "On Going a Journey" किस वर्ष प्रकाशित हुआ था?

    • उत्तर: 1822

निष्कर्ष

विलियम हैज़लिट का "On Going a Journey" एक कालजयी निबंध है, जो उन लोगों के दिल के करीब है जो भीड़भाड़ से दूर अकेले यात्रा करना पसंद करते हैं। यह निबंध सिर्फ शारीरिक यात्रा के बारे में नहीं है, बल्कि आंतरिक यात्रा और आत्म-चिंतन का भी संदेश देता है। हैज़लिट का मानना है कि अकेले यात्रा करने से न केवल प्रकृति से जुड़ा जा सकता है, बल्कि अपने भीतर झांकने का अवसर भी मिलता है।


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