मूल एवं व्यत्पन्न मात्रक: संपूर्ण विश्लेषण
भौतिकी (Physics) में किसी भी भौतिक राशि को मापने के लिए मात्रकों (Units) की आवश्यकता होती है। मात्रकों को मुख्य रूप से दो भागों में बाँटा जाता है—मूल मात्रक (Fundamental Units) और व्युत्पन्न मात्रक (Derived Units)। इस ब्लॉग में हम इन दोनों प्रकार के मात्रकों का विस्तृत अध्ययन करेंगे और इनके उपयोग, अंतर, उदाहरण, एवं महत्वपूर्ण तथ्यों को जानेंगे।
1. मात्रक (Unit) क्या होता है?
भौतिकी में किसी भी भौतिक राशि की माप करने के लिए जिस परिमाण की सहायता ली जाती है, उसे मात्रक कहते हैं। उदाहरण के लिए, लंबाई को मापने के लिए 'मीटर (m)', द्रव्यमान के लिए 'किलोग्राम (kg)' और समय के लिए 'सेकंड (s)' मात्रक के रूप में प्रयोग किए जाते हैं।
2. मात्रकों के प्रकार
मात्रकों को मुख्य रूप से दो वर्गों में विभाजित किया जाता है:
- मूल मात्रक (Fundamental Units)
- व्युत्पन्न मात्रक (Derived Units)
3. मूल मात्रक (Fundamental Units)
मूल मात्रक वे मात्रक होते हैं जो स्वतंत्र होते हैं और किसी अन्य मात्रकों पर निर्भर नहीं करते। इन्हें आधारभूत मात्रक भी कहा जाता है।
SI पद्धति में 7 मूल मात्रक
भौतिक राशि | मात्रक का नाम | मात्रक का प्रतीक |
---|---|---|
लंबाई (Length) | मीटर | m |
द्रव्यमान (Mass) | किलोग्राम | kg |
समय (Time) | सेकंड | s |
विद्युत धारा (Electric Current) | एम्पीयर | A |
तापमान (Temperature) | केल्विन | K |
पदार्थ की मात्रा (Amount of Substance) | मोल | mol |
प्रकाश तीव्रता (Luminous Intensity) | कैंडेला | cd |
मूल मात्रकों की विशेषताएँ
- ये स्वतंत्र होते हैं और अन्य मात्रकों से व्युत्पन्न नहीं किए जा सकते।
- भौतिकी के सभी नियम इन्हीं मात्रकों के आधार पर बनाए जाते हैं।
- SI (Système International d'Unités) प्रणाली में सात मूल मात्रक मान्य हैं।
4. व्युत्पन्न मात्रक (Derived Units)
वे मात्रक जो मूल मात्रकों से व्युत्पन्न होते हैं, उन्हें व्युत्पन्न मात्रक कहा जाता है। इन मात्रकों को मूल मात्रकों के विभिन्न संयोजनों से प्राप्त किया जाता है।
प्रमुख व्युत्पन्न मात्रक एवं उनके SI मात्रक
भौतिक राशि | मात्रक का नाम | SI मात्रक | मात्रकों का व्युत्पन्न रूप |
---|---|---|---|
क्षेत्रफल (Area) | वर्ग मीटर | m² | m × m |
आयतन (Volume) | घन मीटर | m³ | m × m × m |
वेग (Velocity) | मीटर प्रति सेकंड | m/s | m ÷ s |
त्वरण (Acceleration) | मीटर प्रति सेकंड² | m/s² | (m/s) ÷ s |
बल (Force) | न्यूटन | N | kg·m/s² |
दबाव (Pressure) | पास्कल | Pa | N/m² या kg/(m·s²) |
कार्य/ऊर्जा (Work/Energy) | जूल | J | N·m या kg·m²/s² |
शक्ति (Power) | वाट | W | J/s या kg·m²/s³ |
आवेश (Charge) | कूलम्ब | C | A·s |
विद्युत प्रतिरोध (Resistance) | ओम | Ω | V/A या kg·m²/(A²·s³) |
व्युत्पन्न मात्रकों की विशेषताएँ
- ये मूल मात्रकों के संयोजन से बनाए जाते हैं।
- ये विभिन्न भौतिक राशियों को व्यक्त करने में मदद करते हैं।
- कुछ व्युत्पन्न मात्रकों को विशेष नाम दिए गए हैं, जैसे न्यूटन, जूल, पास्कल आदि।
5. मूल मात्रक और व्युत्पन्न मात्रक में अंतर
विशेषता | मूल मात्रक | व्युत्पन्न मात्रक |
---|---|---|
परिभाषा | स्वतंत्र मात्रक होते हैं। | मूल मात्रकों के संयोजन से प्राप्त होते हैं। |
संख्या | SI प्रणाली में 7 मूल मात्रक हैं। | अनगिनत व्युत्पन्न मात्रक हो सकते हैं। |
उदाहरण | मीटर (m), किलोग्राम (kg), सेकंड (s) | न्यूटन (N), पास्कल (Pa), जूल (J) |
6. मात्रकों का महत्व एवं उपयोग
- विज्ञान और इंजीनियरिंग में मात्रक आवश्यक होते हैं ताकि सही माप एवं गणना की जा सके।
- वैज्ञानिक शोधों में सटीकता बनाए रखने के लिए SI मात्रक प्रणाली का पालन किया जाता है।
- दैनिक जीवन में लंबाई, समय, वजन आदि के मापन के लिए मात्रकों की आवश्यकता होती है।
7. SI मात्रक प्रणाली का महत्व
SI प्रणाली (International System of Units) आज विश्वभर में मान्यता प्राप्त प्रणाली है। यह प्रणाली मात्रकों को मापने की एक मानकीकृत विधि प्रदान करती है जिससे वैज्ञानिक और तकनीकी संचार में एकरूपता बनी रहती है।
8. निष्कर्ष
मूल मात्रक और व्युत्पन्न मात्रक विज्ञान एवं तकनीक के मूलभूत आधार होते हैं। मूल मात्रक स्वतंत्र होते हैं जबकि व्युत्पन्न मात्रक इन्हीं के संयोजन से बनाए जाते हैं। SI प्रणाली में 7 मूल मात्रकों को मान्यता प्राप्त है, और इनके आधार पर अनेकों व्युत्पन्न मात्रक बनते हैं। किसी भी भौतिक राशि को सही तरीके से मापने के लिए मात्रकों की समझ आवश्यक होती है।
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